नमस्कार मित्रों, आज का लेख उन लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो शादीशुदा हैं या जिनकी शादी होने वाली है। यदि आपने अभी तक अपना विवाह प्रमाण पत्र नहीं बनवाया है और आप गूगल पर “Marriage Certificate Online Kaise Banaye” खोज रहे हैं, तो आपकी प्रतीक्षा समाप्त हुई। अब आप इसे ऑनलाइन आवेदन करके आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है; आप अपने घर से ही अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप के माध्यम से फॉर्म भरकर विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल सरल है, बल्कि आपके समय और प्रयास की भी बचत करती है। आइए, हम इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
अब दोस्तों, भारत में हर नागरिक के लिए शादी के बाद विवाह प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य हो गया है। सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों के लोगों को अपने विवाह का पंजीकरण कराना आवश्यक है। इसलिए, पहले अपनी आयु को किसी ऐज कैलकुलेटर से जांच लेना जरूरी है, क्योंकि कानून के अनुसार वर और वधु दोनों के लिए विवाह की एक निर्धारित आयु है।
अब सभी नागरिकों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक हो गया है। इस पोस्ट में हम विवाह का पंजीकरण और विवाह प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। विवाह का पंजीकरण कराने से व्यक्ति को कई समस्याओं से राहत मिलती है और इसके माध्यम से सरकार की कई योजनाओं का लाभ भी उठाया जा सकता है।
पहले विवाह प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल होती थी। नागरिकों को निबंधन कार्यालय में विवाह पंजीकरण फॉर्म भरना पड़ता था।
सरकार ने विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने और नागरिकों का समय बचाने के लिए इसे ऑनलाइन कर दिया है। आज हम इस लेख में उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन विवाह पंजीकरण करना सीखेंगे। यदि आप किसी अन्य राज्य से हैं, तो भी इस लेख को पढ़ने के बाद आपको पूरी प्रक्रिया समझ में आ जाएगी।
Marriage Certificate क्या है?
सरकार ने विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने और नागरिकों का समय बचाने के लिए इसे ऑनलाइन कर दिया है। आज हम इस लेख में उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन विवाह पंजीकरण करने की विधि जानेंगे। यदि आप किसी अन्य राज्य से हैं, तो भी इस लेख को पढ़ने के बाद आपको पूरी प्रक्रिया स्पष्ट हो जाएगी।
- हर धर्म, जाति, समाज और समुदाय के अपने विशेष रीति-रिवाज होते हैं, जिनके अनुसार विवाह का आयोजन किया जाता है और समाज द्वारा इन विवाहों को मान्यता भी दी जाती है। लेकिन जब लिखित प्रमाण की आवश्यकता होती है, तो विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र ही प्रस्तुत करना होता है।
- यदि किसी विवाहित जोड़े के पास विवाह प्रमाण पत्र नहीं है, तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अब विवाह प्रमाण पत्र, जिसे Marriage Certificate कहा जाता है, को अनिवार्य कर दिया गया है।
- विवाह प्रमाण पत्र के माध्यम से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है और इसके जरिए कई अन्य सुविधाओं का भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
- सरकार ने विवाह के पंजीकरण के लिए विभिन्न धर्मों, जातियों, समुदायों और संप्रदायों के अनुसार अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं। यदि आप विवाह के एक वर्ष के भीतर पंजीकरण कराते हैं, तो आपको ₹10 का शुल्क देना होगा, जबकि एक वर्ष के बाद पंजीकरण कराने पर ₹50 का शुल्क लगेगा।
Marriage Certificate कौन जारी करता है ?
भारत में विवाह प्रमाण पत्र को राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है। कोई भी नागरिक अपने राज्य के निबंधन विभाग या आधिकारिक ई-पोर्टल पर जाकर विवाह का पंजीकरण और प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके लिए सरकार ने कुछ शुल्क निर्धारित किए हैं।
यदि कोई नागरिक विवाह के 1 वर्ष के भीतर पंजीकरण कराता है, तो उसे ₹10 का शुल्क देना होगा। वहीं, अगर पंजीकरण 1 वर्ष के बाद किया जाता है, तो शुल्क ₹50 होगा। विवाह का पंजीकरण और प्रमाण पत्र के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। पहले केवल ऑफलाइन विकल्प उपलब्ध था, लेकिन अब आप ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।
किसी भी विवाहित जोड़े के लिए विवाह प्रमाण पत्र होना अत्यंत आवश्यक है, इसलिए यदि आपने अभी तक अपने विवाह का पंजीकरण नहीं कराया है, तो तुरंत करवा लें।
Marriage Certificate का महत्व क्या है ?
सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आप उनका सही तरीके से उपयोग करें। कई देशों में पारंपरिक विवाह को मान्यता नहीं दी जाती, ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। पासपोर्ट बनवाने के दौरान पत्नी का नाम जोड़ने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। बैंक या बीमा में पत्नी को नॉमिनी के रूप में जोड़ने के लिए भी आपको विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
महिलाओं को शादी के बाद अपने दस्तावेजों में पति का नाम जोड़ने के लिए विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। इसके अलावा, पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोलने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट आवश्यक है। विवाह प्रमाण पत्र के माध्यम से बाल विवाह जैसी प्रथाओं का पता लगाना और उन्हें समाप्त करना एक महत्वपूर्ण कदम है।
Marriage Certificate के फायदे
विवाह का पंजीकरण कराना और विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करना पति-पत्नी दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से विवाहित जोड़े को कई लाभ मिलते हैं। मैरिज सर्टिफिकेट होने से उन्हें कानूनी मान्यता प्राप्त होती है।
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना भी सरल हो जाता है। इसके अलावा, किसी दस्तावेज़ में पति या पत्नी का नाम जोड़ना भी आसान हो जाता है। बैंक में जमा राशि या बीमा में नॉमिनी के रूप में पति या पत्नी का नाम जोड़ना भी इस प्रमाण पत्र के जरिए संभव होता है। लेकिन यदि मैरिज सर्टिफिकेट नहीं है, तो ये सभी कार्य करना मुश्किल हो सकता है।
Marriage Certificate के लिए आवश्यक दस्तावेज
- पति या पत्नी दोनों के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है।
- इसके साथ ही, दोनों के आधार कार्ड से मोबाइल नंबर भी लिंक होना चाहिए।
- इनमें से किसी एक का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
- पति के लिए प्रमाण पत्र (पता प्रमाण) – आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि।
- उम्र का प्रमाण पत्र – जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट आदि
- पासपोर्ट साइज फोटो
- शादी का एक फोटो
- शादी का कार्ड
- सपथ पत्र (नोटरी द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र को अपलोड करें) – शपथ पत्र का फॉर्मेट डाउनलोड करें।
- सभी दस्तावेजों को स्वप्रमाणित करना अनिवार्य है।
Marriage Certificate का Online आवेदन कैसे करें?
- सबसे पहले आपको igrsup.gov.in पर जाना होगा। यदि आप उत्तर प्रदेश के अलावा किसी अन्य राज्य से हैं, तो आप अपने राज्य के पंजीकरण विभाग या ई-सेवा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
- अब विभाग की वेबसाइट का मुख्य पृष्ठ खुल जाएगा। इसमें आपको “विवाह पंजीकरण” के अंतर्गत “आवेदन करें” पर क्लिक करना होगा।
- अब अगले पृष्ठ पर आपसे आधार आधारित पंजीकरण के लिए पूछा जाएगा। यहां आपको “मैं अपनी सहमति देता/देती हूं ………. आधार अधिनियम 2016” पर टिक करना है।
- यदि पति-पत्नी दोनों का आधार मोबाइल नंबर से लिंक है, तो “हां” पर टिक करें, अन्यथा “नहीं” पर टिक करें।
- ध्यान रखें, यदि आप “हां” चुनते हैं, तो आपको संबंधित कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन यदि आप “नहीं” चुनते हैं, तो आपको संबंधित कार्यालय जाना पड़ेगा
- इसके बाद “विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन” पर क्लिक करें।
- जब आप क्लिक करेंगे, तो आपके सामने “विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र” खुल जाएगा।
- अब इस फॉर्म में सबसे पहले आपको पति का संपूर्ण विवरण भरना होगा।
- पति के सभी विवरणों को मांगे गए निर्देशों के अनुसार दस्तावेजों के आधार पर भरने के बाद, आपको “सुरक्षित करें” बटन पर क्लिक करना होगा।
- जब आप “सुरक्षित करें” बटन पर क्लिक करेंगे, तो एक नया पृष्ठ खुलेगा जिसमें आपको “पत्नी का विवरण” भरना होगा।
- पत्नी की पूरी जानकारी को दिए गए निर्देशों के अनुसार दस्तावेजों के आधार पर भरना है। फिर “सुरक्षित करें” बटन पर क्लिक करके आगे बढ़ें।
- अब अगले पृष्ठ पर आपको “विवाह स्थल / पंजीकरण कार्यालय का चयन” करना होगा।
- अगर आपने पहले “आधार आधारित पंजीकरण” के लिए “हां” का विकल्प चुना है, तो आपको यहां पंजीकरण कार्यालय का चयन करने की आवश्यकता नहीं होगी और कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन यदि आपने “नहीं” का विकल्प चुना है, तो आपको कार्यालय का चयन करने के बाद वहां जाना होगा।
- जैसे ही आप “सुरक्षित करें” पर क्लिक करेंगे, आपको आवेदन संख्या (Registration Number) और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- आपको अपने रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड को सुरक्षित स्थान पर लिख लेना चाहिए। इसी के माध्यम से आप अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं और लॉग इन करके संशोधन भी कर सकते हैं।
- अब नीचे “छायाचित एवं प्रमाणपत्र अपलोड” पर क्लिक करके पति और पत्नी दोनों के सभी दस्तावेज अपलोड करें।
- इसके बाद, आपका आवेदन संबंधित अधिकारी के पास आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा।
- सभी प्रक्रियाएं पूरी होने और विवाह प्रमाण पत्र तैयार होने पर, आपके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर SMS के जरिए आपको सूचित किया जाएगा।
- इसके बाद, आप निबंधन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से विवाह प्रमाण पत्र को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
तो दोस्तों, यह थी विवाह प्रमाण पत्र बनाने की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रियाएं। दिए गए चरणों का पालन करके आप आसानी से मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।